ईश्वर से बिछड़ा हुआ जीव,
जब इस दुनियाँ में आता है।
अनजान अजूबा जगत देख,
वह बहुत अधिक घबराता है।।
वह समझे नहीं कौन है वह,
कौन से लोक में आया है।
किस कारण से इस दुनियाँ में,
सर्वस्व छोड़के आया है।।
प्रभु से दूर होने का दर्द,
वह तनिक नहीं सह पाता है।
इसलिए जोर से आँख मींच,
वह रोता है, चिल्लाता है।।
ना जाने मेरा क्या होगा,
मैं कैसे अब रह पाऊंगा।
इस नए लोक के कष्टों को,
प्रभु बिन कैसे सह पाऊंगा।।
उसके उन सारे द्वंद्वों को,
उस पल विराम लग जाता है।
जब उसको गोदी में लेकर,
कोई उसको दुलराता है।।
प्रभु का अहसास कराता है।
तब अपने सारे कष्ट भूल,
वह हँसता है, मुस्काता है।।
वह उठता है, वह गिरता है,
गिर-गिरकर उठता रहता है।
जीवन की इस उठा-पटक से,
दिन-रात जूझता रहता है ।।
पर अपने इन संघर्षों से,
अपनी राहों के कांटो से।
वह कभी नहीं विचलित होता,
अपने जीवन के कष्टों से ।।
उसे पता है उसके ऊपर,
मम्मी-पापा का साया है।
माँ-बाप के आशीर्वाद ने,
कष्टों से सदा बचाया है ।।
खुशनसीब वह कितना, उसको,
देव-तुल्य माँ-बाप मिले हैं।
वह करे धृष्टता जैसी भी,
कभी न उनसे दण्ड मिले हैं ।।
भाग-दौड़ के जीवन ने बस,
दो-चार दिनों का साथ दिया।
ऐसे यादगार लम्हों ने,
इस जीवन को गुलजार किया ।।
उन यादों की उस पूँजी को,
हृदय में सँजोये रखता है।
समय-समय पर खोल तिजोरी,
उस पूँजी को वह गिनता है।।
इस दुनियाँ की सारी दौलत,
उस पूँजी से कम पड़ती है।
उन यादों की ऊर्जा से ही,
जीवन की गाड़ी चलती है।।
जीवन की
गाड़ी ऐसे ही,
तेजी से चलती जायेगी।
माँ-बाप का आशीष है तो,
विपदा ना कोई आयेगी।।
उसके मात-पिता का साया,
सदा ही उसके सिर पे रहे।
केवल यही आरजू उसकी,
दोनों का जीवन सुखी रहे।।
वह जंजालों में उलझ गया,
उनकी सेवा का सुख न मिला।
इस कारण जीना व्यर्थ हुआ,
जीवन से केवल यही गिला।।
उसे पता है उनका जीवन,
गुजरा कितने संघर्षों से।
उसको खेद कि ऐसे पर भी,
उन्हें न मिला सहारा उससे।।
ऐसे ही अपराधबोध से,
दिल कई बार घबराता है।
यह जीवन तो बस व्यर्थ गया,
यह सोंच-सोंच मर जाता है।।
जीवन का चक्र चलता गया,
जीवन से क्या-क्या मिला नहीं।
सबकुछ होकर भी कुछ ना है,
यदि मात-पिता का संग नहीं।।
ईश्वर ने सबकुछ दिया उसे,
बस एक तमन्ना बची रही।
माता-पिता की सेवा करे,
यह एक लालसा सदा रही।।
ईश्वर उसकी यह आकांक्षा,
अवश्य पूरी करेगा कभी।
जीवन को सफल बनाने का,
मौका अवश्य मिलेगा कभी।।
आज पिता का जन्म-दिवस है,
आज बड़ी खुशियों का दिन है।
यह है सत्तरवीं वर्ष-गाँठ,
यह जीवन का अति शुभ दिन है।।
"हैप्पी बर्थडे टु यू" कहके,
देता है वह आज बधाई,
जीवन खुशियों से भरा रहे,
कभी न कोई हो कठिनाई।।
यह शुभ दिन बार-बार आये,
यह जीवन खुशियों से महके।
सदैव जीवन की बगिया में,
आशाओं के पक्षी चहकें।।
सुख-शांति मिले, तन स्वस्थ रहे,
वह यही कामना करता है।
ईश्वर की उनपर कृपा रहे,
दिन-रात दुआ यह करता है ।।
६
जनवरी, २०१४ को पापा जी के जन्म-दिवस के अवसर पर सादर
समर्पित ।
सुनील